आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं। जनता कर्फ्यू हो, घंटी बजाने, ताली-थाली बजाने का कार्यक्रम हो, इन्होंने इस चुनौतिपूर्ण समय में देश को इसकी सामूहिक शक्ति का ऐहसास कराया। यह भाव प्रकट हुआ कि देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है। अब लॉकडाउन के समय में, देश की, आप सभी की ये सामूहिकता चरितार्थ होती नजर आ रही है।

आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं। जनता कर्फ्यू हो, घंटी बजाने, ताली-थाली बजाने का कार्यक्रम हो, इन्होंने इस चुनौतिपूर्ण समय में  देश को इसकी  सामूहिक शक्ति का ऐहसास कराया। यह  भाव प्रकट हुआ कि देश एक होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है। अब लॉकडाउन के समय में, देश की, आप सभी की ये सामूहिकता चरितार्थ होती नजर आ रही है।


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कोरोना वायरस: घरों में मास्क बना रहीं महिलाएं, एक दिन में कर लेती हैं तीन-चार हजार की कमाई
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साथियों, ये लॉकडाउन का समय जरूर है, हम अपने अपने घरों में जरूर हैं, लेकिन हम में से कोई अकेला नहीं है। 130 करोड़ देशवासियों की सामूहिक शक्ति हर व्यक्ति के साथ है, हर व्यक्ति का संबल है । समय-समय पर देशवासियों की इस सामूहिक शक्ति की विराटता, इसकी भव्यता और दिव्यता की अनुभूति करना आवश्यक है।
साथियों, आज जब देश के करोड़ों लोग घरों में हैं, तब किसी को भी लग सकता है कि वो अकेला क्या करेगा। कुछ लोग ये भी सोच रहे होंगे कि इतनी बड़ी लड़ाई को, वो अकेले कैसे लड़ पाएंगे। ये प्रश्न भी मन में आते होंगे कि - कितने दिन ऐसे और काटने पड़ेंगे।